MATTER 1454 ...नोटिस, गिरफ़्तारी, इन्क्वायरी, रिमान्ड, गुन्डाई आर्ग्यूमेन्ट एस्ट्रोलोजी और ओर्डर सुनाने जैसे अपराध नहीं कर सकती ...



1.   जन प्रतिनिधियों को दिल्ली, राज्य, देश व देशों के लिये शख्त एक्सन लेने से पैहैले रिपोर्टर, पीढित, शिकायती, शिकायत व समस्या की खुद पैहैचान करना ज़रूरी है

2.   उसके वन्स का दिल्ली, राज्य, देश व देशों के मध्य दोस्ती व दुश्मनी का इतिहास खंगालना ज़रूरी है

3.   दिल्ली, राज्य, देश व देशों के विकास के विरोधी व समर्थक जानना जरूरी है

4.   उसके और दिल्ली, राज्य, देश व देशों के बीच के ऐतिहासिक विवादों को ध्यान रखना ज़रूरी है

5.   उसकी मानसिकता को समझना ज़रूरी है

6.   उसके वन्स परवरिसकर्ता की चेन और दिल्ली, राज्य, देश व देशों के मध्य ऐतिहासिक ताल्लुकातों को ध्यान में रख कर एक्सन लेना जरूरी है

7.   और खास कर आर्यवर्ष के व्यवस्थापकों को ये जानना बेहद जरूरी है कि रिपोर्टर, पीढित, शिकायती व उसका परवरिसकरता का धर्म इतिहास वन्स आर्यप्रधानराष्ट्रव्यवस्था का विरोधी रैह चुका है या नहीं रैहै रहा है या नहीं, आर्यप्रधानराष्ट्रव्यवस्था के विरोध में कितने मामले दर्ज किये जा चुके हैं इन मामलों से उसका लिन्क है या नहीं  

8.   कहीं उनके लिन्क आर्यप्रधानराष्ट्रव्यवस्था के अल्पीकरण लुप्तीकरण प्रभूत्वहीनीकरण के कालेसाये से तो नहीं

9.   जनप्रतिनिधियों को अपने अधिकार जानने हैं कि मीडिया जन प्रतिनिधि को कन्वर्सेसन के लिये बुलाकर कोर्ट से भी बुरे एक्टस को कर नोटिस, गिरफ़्तारी, इन्क्वायरी, रिमान्ड, गुन्डाई आर्ग्यूमेन्ट एस्ट्रोलोजी और ओर्डर सुनाने जैसे अपराध नहीं कर सकती उसे पारम्परिक दूरदर्शन के नियमों के तैहैत ही काम करना होगा

10.               प्रैस रिलीज़ के तैहैत जबाब प्राप्त करने ए उपरान्त प्रैस कोन्फ़्रैन्स के लिये बाध्य नही कर सकती

11.               यदि डर लगता है तो हमारी सुरक्षा लें या प्रतिनिधित्व हम पर छोड दें

12.               पर ऐसा कोई आदेश ना दें जो जजों को भी कत्ल कर दे जैसे …जयवर्धन “चाहे कोई भी हो” केजरीवाल “सख्ताई करनी पडेगी”

13.               बिना इन बातों के ध्यान में रखे आदेश देना कुव्यवस्थायी व हानी कारक है व्यवस्थाई परामर्श स्मरण रखना है

14.               क्यों कि ये महायुग है

15.               श्रीपक का महायुग

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