MATTER: 1457 12. जिसने विवस कर दिया उस रानी को 13. फ़िर से अपने व्यवस्थाई आधार में 14. पुन: सन्सोघन करने के लिये


1.    पैहैले वो सैहैमा

2.    पर फ़िर एक आज्ञाकारी पुत्र व ओरलस्टूडैन्ट की तरह घुल मिल गया

3.    ये बात है अर्थकिन्ग और श्रीष्टी_व्यवस्थापक के आकस्मिक मुलाकार की

4.    और तेज़ हो गया प्रिथ्वी विनाश का षडयन्त्र

5.    क्यों की किन्ग की रानी को ना था गवारा

6.    अपना विफ़ल कौरन्टाइन

7.    अपना विफ़ल सन्घारीतन्त्र

8.    जो इस आकस्मिक मुलाकात से हुआ विफ़ल

9.    उसकी व्यवस्था का आधार आज भी वो ही प्राचीन युगों वाला था

10. 10 वर्ष झूठ, 10वर्ष फ़रेब, 10वर्ष हत्या 10वर्ष सन्घार

11. तब श्रिष्टि व्यवस्थापक ने उसे दिखाया देवनगरी यानी स्पेससिटी के अमर जीवन का सपना

12. जिसने विवस कर दिया उस रानी को

13. फ़िर से अपने व्यवस्थाई आधार में

14. पुन: सन्सोघन करने के लिये

15. इस युग को नाम दिया जा चुका था महायुग

16. और इस महायुग के रचयता है

17. श्रीपक






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